MHD 21 Solved Assignment 2023-24 – मीरा का विशेष अध्ययन
निम्नलिखित पद्यांशाें की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:
क) गोविन्द सूं प्रीत करी, तब ही क्यों न हटकी।
अब तो बात फैल गई, जेसे बीज बटकी।
बीच को बिचार छांडि, पारि प्रीति अटकी।।
अबै चूकै ठौर नाहि, जैसे कला नट की।
साँवरे को सीस धरे, सुरत प्रेम भटकी।।
घर घर में घणी होत, बाणी घट घट की।
हरिजी सों प्रीति राखि, लोक लाज पटकी।।
बाणी घुलि-गांठ परी, रसना गुण रटकी।
अब छुटायै छूटे नहीं, भोत बार झटकी।।
मदमांते हसती सम, फिरत प्रेम लटकी।
मीरां के प्रभु गिरधर बिन, कौन जाने घट की।।
ख) बादल दख्ेा डरी हो, स्याम मैं बादल दख्ेा डरी।
काली पीली घटा उमंगी, बरस्यो एक घरी।
जित जाऊं तित पानि हि पानी, हुइ सब भोम हरी।।
जाका पिव परदेश बसत है, भीजै बार खरी।।
मीरां के प्रभु गिरधरनागर, कीज्यो प्रीत खरी।।
(ग) वै न मिले जिनकी हम दासी।
पात पात बृन्दावन ढँूढ्यौ ढूंढि फिरी सगरी मैं कासी।।
कासी कौ लोग बड़ो विसवासी मुख मैं राम बगल में फांसी।।
आधाी कासी मैं बाँमण बणियाँ आधी कासी बसे सन्यासी।।
मीरां के प्रभु हरि अबिनासी हरिचरणां की रहौं मैं दासी।।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (प्रत्येक का लगभग 500 शब्दाें में) दीजिए:
क) मीरा की भक्ति के शास्त्रीय स्वरूप का विवेचन कीजिए।
ख) मध्यकालीन भक्त कवयित्रियों का परिचय दीजिए।
ग) मीरा की कविता में स्त्री सशक्तीकरण के स्वरों की समीक्षा कीजिए।
निम्नलिखित प्रत्येक विषय पर लगभग 100 शब्दाें में टिप्पणी लिखिएः
क) मीरा के कृष्ण
ख) लोक-संस्कृति
(ग) इतिहास ग्रंथों में मीरा
घ) अक्क महादेव
ङ) मेड़ता में मीरा
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